गांबिया में 66 बच्चों की मौत के बाद उज़्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत भारत में बने कफ सिरप से होने की बात सामने आई है।
उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि मैरियन बायोटेक नाम की भारतीय दवा कंपनी की खांसी की दवाई, डॉक -1 मैक्स की ओवरडोज की वजह से 18 बच्चों की मौत हो गई है।
उज़्बेकिस्तान ने आरोप लगाया कि खांसी की दवा में एथिलीन ग्लाइकोल मिलाया गया था जिसकी वजह से बच्चों की मौत हुई है।
आपको बता दें कि गांबिया में 66 बच्चों की मौत भी कफ सिरप में डाइथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल ज्यादा होने की वजह से हुई थी। गांबिया के संसदीय पैनल ने दावा किया था कि इस केमिकल के ज्यादा होने की वजह से बच्चों के गुर्दों में नुकसान पहुंचा जिसकी वजह से उनकी मौत हुई।
उज़्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि मृत 18 बच्चों को डॉक -1 मैक्स सिरप दिया गया था जिसकी वजह से उन्हें रेस्पिरेट्री डिजीज हुई और उनकी मौत हो गई। मृत बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के दिन में तीन से चार बार ने 2.5-5 मिलीलीटर दवा दी गई थी जो ओवरडोज है।
लैब स्टडीज में पाया गया है कि डॉक -1 मैक्स सिरप में इथाइलीन ग्लाइकॉल होता है। ये जहरीला होता है और इसके 95% कंसंट्रेटेड सॉल्यूशन को 1-2 मिली/किग्रा की मात्रा में मरीज को दिए जाने पर उसे उल्टी, बेहोशी, हृदय संबंधी समस्याएं या किडनी फैलियर हो सकता है। उज्बेकिस्तान में फिलहाल इस दवा के टैबलेट और सिरप को सभी फार्मेसियों में बैन कर दिया गया है।
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने उज़्बेकिस्तान में कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत की जानकारी होने की बात कहते हुए फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है।
आपको बता दें कि गांबिया में हुई घटना के बाद 5 अक्टूबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत की दवा कंपनी मेडेन फार्मा के निर्यात लाइसेंस को निलंबित कर दिया था। हालांकि, भारत ने इसे जल्दबाजी में उठाया हुआ कदम बताया था।