उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के पीछे हिमालयी क्षेत्र में भयानक हिमस्खलन हुआ। हालांकि इससे केदारनाथ मंदिर को फिलहाल कोई नुकसान नहीं हुआ है। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने बताया कि एक बड़े हिमस्खलन के बाद भारी मात्रा में बर्फ को फिसलते हुए देखा गया लेकिन ये मंदिर से काफी दूर है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने ये भी बताया कि हिमालयी क्षेत्र में सुबह-सुबह हुए इस हिमस्खलन से केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
जानकारी के मुताबिक केदारनाथ के पीछे एक विशाल हिमनद टूटा है। एक महीन में ऐसा दूसरी बार हुआ है। दूर से ये बर्फ की नदी की तरह बहता दिख रहा है।
इससे पहले 22 सितंबर की शाम को केदारनाथ धाम में चोराबाड़ी ग्लेशियर के जलग्रहण क्षेत्र में भारी हिमस्खलन का हुआ था। चोराबाड़ी ग्लेशियर केदारनाथ मंदिर के पीछे करीब 5 किमी दूर है। हिमस्खलन की घटनाएं उत्तराखंड में कुछ दिनों से हुई भारी बारिश के बात हो रहीं हैं।
रुद्रप्रयाग में भूस्खलन के बाद NH-109 पूरी तरह से बाधित हो गया था जिसके बाद हाईवे पर गाड़ियों की लंबी कतार और ट्रैफिक जाम देखा गया। यहां तरसाली गांव के पास पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने की वजह से गाड़ियों की लंबी कतार देखी गई।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 सितंबर को वर्चुअल माध्यम से बद्रीनाथ और केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की थी। पीएम मोदी ने मंदिरों के पुनर्निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी ली थी। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए थे।