SC verdict on EWS Reservation: गरीब सवर्णों के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, किस जज ने क्या कहा जानिए!

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Sc verdict on EWS reservation
गरीब सवर्णों का आरक्षण बरकरार रहेगा- SC

शिक्षा और रोजगार में गरीब सवर्णों (EWS Reservation) के लिए 10% आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों वाली पीठ ने बहुमत से अपना फैसला सुना दिया है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने संविधान संशोधन पर मुहर लगाते हुए EWS आरक्षण को सही करार दिया है। हालांकि मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति रवींद्र भट्ट ने संशोधन पर असहमति जाहिर की है।

न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने EWS के पक्ष में फैसला सुनाया

इस मामले में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने EWS आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि EWS आरक्षण समानता की संहिता का उल्लंघन नहीं करता है। ये संविधान के ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि हमने समानता की सकारात्मक कार्रवाई का आंकलन किया है। हमने जांच की है कि क्या आर्थिक मानदंड आरक्षण के लिए एकमात्र आधार के रूप में संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन करता है? इसके बाद वो इस राय पर पहुंचे हैं कि आरक्षण एक सकारात्मक कदम है ताकि समतावादी समाज के लक्ष्यों की ओर वंचित लोगों समेत सभी समावेशी रूप में बढ़ सकें।

SC delivers verdict on ews reservation

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जस्टिस बेला त्रिवेदी की राय EWS आरक्षण के पक्ष में

जस्टिस बेला त्रिवेदी ने भी EWS आरक्षण के पक्ष में अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि विधायिका लोगों की जरूरतों को समझती है और वो लोगों के आर्थिक बहिष्कार से अवगत है। मैं न्यायमूर्ति माहेश्वरी की राय से सहमत हूं। SC-ST के अलावा अन्य वर्गों के लिए विशेष प्रावधान करना संसद की सकारात्मक कार्रवाई माना जाना चाहिए।

जस्टिस जेबी पारदीवाला ने सहमति जताई

इसके बाद जस्टिस जेबी पारदीवाला ने भी EWS आरक्षण के पक्ष में अपना फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि वो जस्टिस माहेश्वरी और त्रिवेदी की राय से सहमत हैं और EWS संशोधन बरकरार रखा है। हालांकि उन्होंने कहा कि आरक्षण अनिश्चितकाल के लिए जारी नहीं रहना चाहिए नहीं तो ये एक निहित स्वार्थ बन जाए। उन्होंने कहा कि मैं EWS संशोधन को बरकरार रखता हूं।

जस्टिस रवींद्र भट्ट ने असहमति जताई

EWS आरक्षण पर न्यायमूर्ति रवींद्र भट्ट ने असहमति जाहिर की है। उन्होंने कहा कि ये संशोधन सामाजिक न्याय के ताने-बाने को कमजोर करता है और इस तरह ये संविधान के बुनियादी संरचना को कमज़ोर करता है। जस्टिस रविंद्र भट ने कहा कि दोहरा लाभ देने वाला ये संशोधन गलत है।  ये संशोधन समानता के केंद्र को भेदता है जो संविधान का मूल है।

CJI यूयू ललित ने भी असहमति जताई

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने आर्थिक आधार पर दिए गए आरक्षण के खिलाफ अपनी राय ज़ाहिर की। उन्होंने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा कि वो जस्टिस भट्ट के विचारों से सहमत हैं। EWS आरक्षण का फैसला 3:2 से हो गया है।

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