Watch Viral Video | केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे (Ashwini Choubey) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ विवादित और आपत्तिजनक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार नपुंसकता का शिकार हो गए हैं और उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.
मुख्यमंत्री का अपमान, प्रधानमत्री का गुणगान
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने एक तरफ मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद का अपमान किया, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी का गुणगान किया. उन्होंने व्यक्ति पूजा का बेजोड़ उदाहरण देते हुए कहा कि पूरा देश और दुनिया मोदी की तरफ देख रही है और वो विकास पुरुष है. उन्होंने बिहार में जंगलराज बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की.
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राहुल गांधी पर भी बदजुबानी कर चुके हैं अश्विनी चौबे
ये पहला मौका नहीं है जब केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया है. अश्विनी चौबे राहुल गांधी के खिलाफ भी विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने राहुल गांधी की तुलना नाली के कीड़े से की थी. उन्होंने राहुल गांधी को सिजोफ्रिनिया का मरीज बताया था और कहा था कि राहुल गांधी का आकार नाली के कीड़े जैसा है.
महिलाओं के खिलाफ भी दिए विवादित बयान
अश्विनी चौबे महिला राजनीतिक नेताओं के खिलाफ भी बदजुबानी करने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने जनवरी 2019 में ममता बनर्जी के खिलाफ बोलते हुए कहा था कि वो बंगाल की खाड़ी में डूब जाएंगी. बिहार के मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ भी उन्होंने बदजुबानी की और कहा कि राबड़ी देवी हमारी भाभी है वो घुंघट में ही रहें.
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विपक्ष के नेताओं पर देते हैं विवादित बयान
अश्विनी चौबे विपक्षी दलों के नेताओं को सड़े गले आम बता चुके हैं. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता सड़े गले आम की तरह हैं जो फेंकने के लायक हैं. उन्होंने कहा था कि जब आम की टोकरी में आम सड़ जाता है तो सड़े आम फेंक देते हैं ताकि बाकी आम बर्बाद होने से बच जाएं.
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ख़बर का निष्कर्ष
केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और गिरिराज किशोर दूसरी पार्टी के नेताओं के खिलाफ बदजुबानी करते रहते हैं और पीएम मोदी का बखान करते रहते हैं. जब कांग्रेस, राजद, सपा, टीएमसी या अन्य विपक्षी दल का नेता पीएम मोदी के खिलाफ ऐसे बयान देते हैं तो भाजपा आग बबूला हो जाती है. पीएम मोदी खुद ढोल पीट-पीटकर उनके बयानों को बताकर लोगों से वोट मांगते हैं.
गुजरात चुनाव में भी पीएम मोदी ने अपने खिलाफ दिए गए बयानों का इस्तेमाल वोट मांगने के लिए किया. अश्विनी चौबे ने जिस तरह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नपुंसकता का शिकार बताया है, अगर किसी विपक्षी दल के नेता ने ऐसा बयान पीएम मोदी के खिलाफ दिया होता तो भाजपा पूरे देश में शोर मचा देती. ऐसे में नेताओं को दूसरों को हिदायत देने से पहले अपनी जुबान पर काबू रखना सीखना चाहिए.
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