दिल्ली के छतरपुर में अंतर्राष्ट्रीय मेडलिस्ट और युवा घुड़सवार एथलीट शशांक सिंह कटारिया ने अनाथ, बुजर्ग, विधवा, दिव्यांग समेत तमाम बेसहारा लोगों में कंबल बांटे। सोशल ऑर्गनाईजेशन फॉर कम्युनिटी हेल्प (सोच) संस्था की ओर से हुए कार्यक्रम में घुड़सवार शशांक सिंह कटारिया ने कड़ाके की ठंड से बचने के लिए गरीबों की मदद करते हुए कंबल दिए।
शिवालय आद्याकात्यायनी मन्दिर छतरपुर के सन्निकट कम्युनिटी सेन्टर में हुए कार्यक्रम में 600 से ज्यादा ज़रूरतमंद लोगों को कंबल दिए गए। ये कार्यक्रम निगम प्राथमिक कन्या विद्यालय कटवारिया सराय के प्रधानाचार्य नसीर अहमद सिद्दीकी की पहल पर आयोजित किया गया।
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इस मौके पर सोच संस्था प्रमुख नजमी सिद्दीकी ने कहा कि ठंड में लोगों का जीना दूभर होता जा रहा है। ऐसे में ज़रूरतमंद लोगों को कंबल दिया जाना जरूरी है। उन्होंने ये भी बताया कि शशांक सिंह कटारिया सोच संस्था के ब्रांड यूथ एंबेसडर हैं और लम्बे समय से गरीबों और मजदूर लोगों की मदद के लिए इस तरह के काम कर रहे हैं।
इस मौके पर शशांक सिंह कटारिया ने कहा कि वे अपनी माता आरती सिंह और पिता सतेंद्र सिंह के दिए संस्कारों पर चलते हुए बेसहारा लोगों को गिफ्ट बांटकर अपना जन्मदिन और अन्य त्योहार मनाते हैं।
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कम्बल वितरण कार्यक्रम में इलेक्शन ऑफिस छतरपुर से मूलचन्द गुप्ता, मुरारी हरसाना, गौसिया कॉलोनी मस्ज़िद के पेश ईमाम कारी नियामत उल्ला, पूनम और शिक्षिका नीलम चौधरी मौजूद रहीं।
आपको बता दें कि गुड़गांव निवासी शशांक सिंह कटारिया ने कम उम्र में घुड़सवारी में नेशनल और इंटरनेशनल इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप जीती है। शशांक एशियाई गेम्स ट्रायल में हिस्सा लेने वाले सबसे कम उम्र के घुड़सवारी एथलीट और एकमात्र सिविलियन हैं। उन्हें घड़सवारी का जूनून है और घोड़ों से उन्हें गहरा प्यार है। वे घुड़सवारी में भारत के लिए ओलम्पिक पदक जीतना चाहते हैं।
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