अडानी ग्रुप (Adani group) के खिलाफ हिंडेनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट जारी होने के बाद अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज़ में गिरावट (Adani falls) का दौर जारी है। अडानी एंटरप्राइजेज़ में सुप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन 18% से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई। अडानी टोटल गैस और अडानी ग्रीन में 20% की गिरावट हुई। अडानी पोर्ट में 15% से ज्यादा की गिरावट हुई है। अडानी पावर और अडानी विल्मर में 5%-5% की गिरावट दर्ज की गई है।
दो कारोबारी दिनों में अडानी ग्रुप को एक अनुमान के मुताबिक करीब 3.4 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि शेयरों में गिरावट के बाद गौतम अडानी अमीरों की लिस्ट में 7वें नंबर पर खिसक गए हैं। इससे पहले वे 10 अमीरों की लिस्ट में चौथे नंबर पर काबिज थे।
हिंडेनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप क्या क्या आरोप लगाए ?
हिंडेनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर गंभीर कॉरपोरेट घपलेबाज़ी का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट पेश की है। 2 साल की रिसर्च के बाद आई इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर स्टॉक मार्केट में हेराफेरी और अकाउंट्स में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। हिंडेनबर्ग ने ये रिपोर्ट अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित कंपनी से जुड़े दर्जनों लोगों से बात करके, हजारों दस्तावेजों की समीक्षा करके 6 से ज्यादा देशों में कंपनी के दफ्तरों में पड़ताल करके तैयार की है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष गौतम अडानी ने अपनी 7 कंपनियों के जरिए 120 बिलियन डॉलर की संपत्ति जुटाई। पिछले 3 सालों में स्टॉक मार्केट में शेयरों की मूल्य वृद्धि से उन्होंने 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति जुटाई यानी उनकी कंपनियों की वेल्यू में 819% की वृद्धि हुई।
अडानी ग्रुप की कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने स्टॉक के शेयरों को गिरवी रखकर बहुत बड़ा लोन लिया। इसकी वजह से पूरा ग्रुप अनिश्चित वित्तीय स्थिति में है। रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप में ऊंचे पदों पर बैठे ज्यादातर लोग अडानी के परिवार से आते हैं। 22 में 8 सीनियर अधिकारी अडानी के परिवार के सदस्य हैं जो ग्रुप की वित्तीय और अहम फैसले लेते हैं। कंपनी के एक पूर्व कार्यकारी अधिकारी ने अडानी ग्रुप को एक फैमिली बिजनेस जैसा बताया है।
हिंडेनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि अडानी समूह पर 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर के 4 धोखाधड़ी और घपलों के आरोप लगे और जांच हुई है। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग, कर चोरी और भ्रष्टाचार के आरोप लगे। अडानी परिवार के सदस्यों ने कथित रूप से मॉरीशस, यूएई और कैरेबियन द्वीप समूह जैसे टैक्स हेवन में शेल कंपनियां बनाने में सहयोग किया। उस पर लिस्टेड कंपनियों से पैसा निकालने के लिए जाली दस्तावेज तैयार बनाने का भी आरोप है।
रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडानी के छोटे भाई राजेश अडानी पर राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने साल 2004-2005 के आसपास हीरा व्यापार आयात/निर्यात योजना में केंद्रीय भूमिका निभाने का आरोप लगाया। उन पर जाली कारोबार दिखाने के लिए दूसरे देश में शेल कंपनियों के इस्तेमाल का आरोप है। जालसाजी और कर चोरी के अलग-अलग आरोपों में राजेश को दो बार गिरफ्तार किया जा चुका है। अडानी समूह ने बाद में उन्हें प्रबंध निदेशक बनाया।
गौतम अडानी के बहनोई समीर वोरा पर DRI ने हीरा व्यापार घोटाले के सरगना होने और नियामकों संस्था के सामने बार-बार झूठे बयान देने का आरोप लगा। उनको भी अडानी ग्रुप की ऑस्ट्रेलिया डिवीजन में कार्यकारी निदेशक बनाया गया।
इस रिपोर्ट में गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी को एक मायावी व्यक्ति बताया गया। वो नियमित रूप से सरकार की जांच के केंद्र में रहा है। उस पर आरोप है कि वो विदेशी शेल कंपनियों के नेटवर्क को संभालने में उसकी कथित भूमिका थी।
हिंडेंनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक विनोद अडानी और उसके करीबी सहयोगियों ने विदेशी शेल कंपनियों का एक भूलभुलैया बनाया है जिसका वो प्रबंधन करते हैं। हिंडेनबर्ग रिसर्च ने विनोद अडानी या उसके करीबी सहयोगियों द्वारा नियंत्रित 38 मॉरीशस शेल कंपनियों की पहचान करने का दावा किया है।
हिंडेनबर्ग रिसर्च में कहा गया है कि ये कंपनियां साइप्रस, यूएई, सिंगापुर और कई कैरिबियाई द्वीपों में हैं और विनोद अडानी इन्हें गुप्त रूप से चलाते हैं। विनोद अडानी से जुड़ी कई कंपनियों के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले। न कोई कर्मचारी मिला, ने कोई पता या फोन नंबर। इनकी कोई सार्थक ऑनलाइन उपस्थिति भी नहीं पाई गई है। इसके बावजूद उन्होंने सामूहिक रूप से अक्सर सौदों के बारे में बिना बताए अरबों डॉलर अडानी ग्रुप की कंपनियों में ट्रांसफर किए ।
हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में शक जताया गया है कि विनोद अडानी स्टॉक पार्किंग, स्टॉक हेरी-फेरी और अडानी की निजी कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग जैसे काम करती है।
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अडानी ग्रुप का जवाब
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर अडानी ग्रुप ने तीखा जवाब दिया है। कंपनी ने कानूनी कार्रवाई की बात कही है। अडानी ग्रुप ने कहा है कि वो अमेरिकी और भारतीय कानून के तहत रिसर्च कंपनी पर कार्रवाई करेगा। अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। अडानी ग्रुप ने कहा है कि ये रिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने हिंडेनबर्ग रिसर्च पर शेयरहोल्डर्स के दिमाग में शक पैदा करके कंपनी को बदनाम करने का आरोप लगाया है।
Media statement – II on a report published by Hindenburg Research pic.twitter.com/Yd2ufHUNRX
— Adani Group (@AdaniOnline) January 26, 2023
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