SC order on CEC-EC Selection| मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को झटका लगा है। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों (EC) की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की शक्ति को सीमित कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक समिति की सलाह पर मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में क्या लिखा है?
न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने चुनाव आयोग में नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र तंत्र की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये फैसला दिया। संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, विपक्ष का नेता नहीं होने पर विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी और भारत के मुख्य न्यायाधीश की कमेटी की सिफारिश पर राष्ट्रपति करेंगे।
आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 324 (2) में कहा गया है कि राष्ट्रपति मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से की जाएगी, जब तक कि संसद इनके चयन, सेवा की शर्तों और कार्यकाल के लिए मानदंड तय करने वाला कानून नहीं बनाती।
जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ बेंच में जस्टिस अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार भी शामिल रहे।
चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक चुनाव आयोग जो कानून के शासन की गारंटी नहीं देता, वो लोकतंत्र के खिलाफ है। इसकी व्यापक शक्तियों को अगर अवैध रूप से या असंवैधानिक रूप से इस्तेमाल किया गया तो इसका राजनीतिक दलों के परिणामों पर इसका प्रभाव पड़ता है।
आगे कहा गया कि चुनाव आयोग को स्वतंत्र होना चाहिए, ये स्वतंत्र होने का दावा करते हुए अनुचित तरीके से काम नहीं करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई दशक बीत चुके थे और राजनीतिक दलों ने ECI में नियुक्तियों को नियंत्रित करने के लिए अलग कानून पेश नहीं किया।
राजनीति के अपराधीकरण पर SC की टिप्पणी
जस्टिस जोसेफ ने फैसले में कहा कि धन शक्ति और राजनीति में अपराधीकरण की भूमिका में भारी बढ़ोतरी हुई है और मीडिया के एक बड़े वर्ग ने अपनी भूमिका छोड़ दी है और हालात पक्षपातपूर्ण हो गए हैं।
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