Gehlot Vs Pilot | जयपुर | पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम देने पर सीएम अशोक गहलोत ने पायलट पर पलटवार किया है। गहलोत ने इसे बुद्धि की कमी बताया है। गहलोत ने सचिन पायलट की पेपर लीक कांड से प्रभावित हुए अभ्यर्थियों को मुआवजे देने की मांग को मानसिक दिवालियापन कहा है। मुख्यमंत्री गहलोत ने ये बयान जयपुर में सिंधी कैंप बस स्टैंड के नए टर्मिनल के उद्घाटन के मौके पर दिया।
गहलोत और पायलट में छिड़ा घमासान, कांग्रेस को होगा नुकसान?
गहलोत ने पायलट का नाम लिए बिना उन पर हमला करते हुए ये बयान जारी किया है। इससे पहले गहलोत पायलट को नाकारा, निकम्मा और गद्दार कह चुके हैं। दिल्ली में कांग्रेस के दोनों बड़े नेताओं की सुलह की बैठक से पहले गहलोत के इस बयान को टकराव की शुरूआत के तौर पर देखा जा रहा है।
सचिन पायलट पर अशोक गहलोत का बड़ा हमला
बेरोजगारों को मुआवजा दिए जाने की बात पर दिया बयान
मुआवजे की बात को बताया बुद्धि का दिवालियापन
सचिन पायलट ने की थी पेपर लीक मामले में मुआवजे की मांग
विपक्ष पर भी बोला जमकर हमला@SachinPilot #ashokgehlot #RajasthanPolitics pic.twitter.com/dQ9Fx82Vdy— chhavi avasthi (@chhavi_avasthi) May 25, 2023
अन्य राज्यों में भी लीक हुए पेपर- गहलोत
गहलोत ने कहा है कि पेपर लीक कहां नहीं होते? हमने इसके खिलाफ कानून बनाया है। हमने पेपर लीक कांड के आरोपियों को जेल भेजा है। गहलोत ने कहा कि अगर विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है तो वो पेपर लीक को मुद्दा बनाएंगे और मुआवजे की मांग करेंगे। आप इसे क्या कहेंगे? क्या इसे बुद्धि का दिवालियापन नहीं कहेंगे?
गहलोत ने कहा कि दुनिया के इतिहास में किसी ने पेपल लीक पर मुआवजे की मांग नहीं की। उन्होंने पूछा कि सरकार मुआवजा दे सकती है? उन्होंने कहा कि हर राज्य में पेपर लीक हो रहे हैं। गुजरात और अन्य राज्यों में भी पेपर लीक हो जाते हैं।
क्या है ये पूरा मामला?
आपको बता दें कि सचिन पायलट अपनी सरकार और सीएम अशोक गहलोत से बेहद खफा हैं। उन्होंने वसुंधरा कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर अनशन किया और एक 5 दिवसीय यात्रा भी निकाली। वो लम्बे वक्त से राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में 15 मई को सचिन पायलट ने पेपर लीक कांड में छात्रों को मुआवजा देने की मांग की।