Interesting Facts about Mangal Pandey| गांधी से पहले मंगल पांडे ने ये नारा दिया जिससे स्वतंत्रता संग्राम की मशाल जली!

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Interesting Facts about Mangal Pandey | मंगल पांडे जयंती पर विशेष | एक शूरवीर योद्धा जिसने गांधी जी से पहले अंग्रेज़ों को मार भगाने का नारा दिया था आज हम आपको उस परमवीर की गाथा सुनाने जा रहे हैं। उस महावीर का नाम था मंगल पांडे जिन्होंने भारत में पहले स्वतंत्रता संग्राम की ज्वाला भड़काई थी। आज हम आप मंगलपांडे के बारे में 10 रोचक जानकारियां देंगे।

मंगल पांडे के बारे में रोचक जानकारियां और तथ्य | Interesting Facts and information about Mangal Pandey

1. मंगल पांडे का जन्म 1827 में यूपी के बलिया जिले में हुआ था। मंगल पांडे एक ऐसे क्रांतिकारी थे, जिसके नाम से अंग्रेज थर्राते थे। जिन्होंने 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ बैरकपुर में विद्रोह कर क्रांति शुरू की थी. मंगल पांडे ने 1857 में भारत के पहले स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

2. मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई, 1827 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद के पास एक कस्बे में एक कुलीन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 1849 में, पांडे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में शामिल हो गए।

3. बैरकपुर में 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री की 6वीं कंपनी में एक सिपाही के रूप में कार्य किया। उन्हें एक अंग्रेज़ अफसर के कहने पर इस कंपनी में शामिल किया था। मंगल पांडे परेड बहुत तेज़ करते थे इसलिए उन्हें 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री की 6वीं कंपनी में शामिल किया गया।

4. बैरकपुर में रहते हुए अंग्रेजों ने एक नए प्रकार की एनफील्ड राइफल पेश की थी। इस राइफल की कारतूस में गाय और सुअर की चर्बी मिली होती थी। इस कारतूस को चलाने के लिए मुंह से काटकर राइफल में लोड करना होता था, जोकि भारतीय सैनिकों को मंजूर नहीं था। इसी के विरोध में मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को विद्रोह कर दिया।

5. 29 मार्च, 1857 को मंगल पांडे ने गांधीजी के करो या मरो और अंग्रेज़ों भारत छोड़ों जैसे नारों से पहलेफिरंगी मारो का नारा दिया और दो ब्रिटिश अफसरों पर हमला किया। जब उसे रोका गया, तो उसने खुद को गोली मारने का प्रयास किया। हालांकि उन्हें पकड़ लिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया।

6. अंग्रेज़ों ने मंगल पांडे को फांसी की सज़ा सुनाई। बैरकपुरके जल्लादों ने मंगल पांडे को फांसी देने से इंकार कर दिया। इसके बाद कलकत्ता से चार जल्लाद बुलाए गए और सुबह सुबह ही मंगल पांडे तो फांसी दे दी गई।

7. अंग्रेज़ों ने मंगल पांडे को तय दिन से 10 दिन पहले 8 अप्रैल को  फांसी दे दी। अंग्रेजों को डर था कि मंगल पांडे ने विद्रोह की जो चिंगारी भड़काई है वो देशभर में ज्वाला न बन जाए।

8. मंगल पांडे की शहादत के बाद देश में बगावत फैल गई। अंग्रेज़ों ने इस विद्रोह पर तो काबू पा लिया लेकिन मजबूर होकर Government of India Act 1858 पास किया जिससे भारत ईस्ट इंडिया कंपनी के क्रूर शासन से मुक्ति मिली और भारत पर ब्रिटिश सरकार का राज आया लेकिन लोगों को कुछ राहत भी दी गई।

9. मंगल पांडे हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनके बलिदान का इतिहास स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज है। उनके साहस की कहानी हमेशा हमें प्रेरित करती रहेगी। इस अमर सपूत के सम्मान में भारत सरकार ने 1984 में एक खास डॉक टिकट जारी किया था।

10. मंगल पांडे के जीवन पर आधारित एक फिल्म भी बनी। साल 2005 में ‘मंगल पांडे- द राइजिंग’ नाम की ये फिल्म रिलीज हुई। इस फिल्म में आमिर खान ने मंगल पांडे की भूमिका निभाई जो लोगों को काफी पंसद आई।


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