Azam Khan Sentenced | अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी पाया। इस मामले में तीनों दोषियों को 7 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
क्या है फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का पूरा मामला?
बुधवार को वादी के वकील संदीप सक्सेना ने मीडिया से कहा, ”न्यायालय ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में अपना फैसला सुना दिया है.” इस मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल जेल की सजा सुनाई गई है।”
उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने धारा 420, 467, 468, 120बी और 471 के तहत 2 जन्म प्रमाण पत्र के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। अदालत ने तीनों को सज़ा सुनाई है और तीनों पर सभी धाराओं की सज़ा चलेगी।
सज़ा के एलान के बाद क्या बोले आजम खान?
सपा नेता आजम खान ने सज़ा के एलान के बाद कहा कि इंसाफ और फैसले में फर्क होता है। ये फैसला हुआ है। उन्होंने कहा कि फैसले के खिलाफ उनके वकील अगली अदालत में जाने पर फैसला लेंगे।
#WATCH | Rampur, Uttar Pradesh: After the sentencing of SP leader Azam Khan, his wife Tazeen Fatima and his son Abdullah Azam Khan in the fake birth certificate case, Azam Khan says, "There is a difference between decision & justice. This is just a decision…" pic.twitter.com/rvBbTI68v4
— ANI (@ANI) October 18, 2023
आजम की सज़ा पर क्या बोले अखिलेश यादव?
आजम खान को 7 साल की सज़ा सुनाए जाने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उनके ऊपर साजिश के तहत हमला किया जा रहा है।
"बड़ी साजिश की वजह से आजम खान के साथ इस तरह का व्यवहार हो रहा है"
◆ सपा अध्यक्ष @yadavakhilesh ने कहा @samajwadiparty #AzamKhan pic.twitter.com/fEIuko0BEz
— News24 (@news24tvchannel) October 18, 2023
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के नेता और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से ये किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजम खान को यूनिवर्सिटी बनाने की सज़ा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें दूसरे धर्म का होने की वजह से टारगेट किया जा रहा है।
सवारी सीट का चुनाव हुआ था रद्द
साल 2017 में अब्दुल्ला आजम पर चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उम्र की शर्त पूरी न करने का आरोप लगा था. विधायक आकाश सक्सैना के वकील संदीप सक्सैना ने कहा कि शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला आजम खान की उम्र 1 जनवरी 1993 दर्ज है, लेकिन जन्म प्रमाण पत्र में उनका जन्म साल 1990 में बताया गया है।” जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो फैसला हुआ कि उनका सर्टिफिकेट फर्जी था।
इसके बाद स्वार संसदीय सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया गया था।
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