BJP’s Election Plan for Ram Mandir | मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के जश्न के बाद बीजेपी राम मंदिर को 2024 लोकसभा चुनाव का ट्रंप कार्ड बनाने की तैयारी में जुटने जा रही है।
राम मंदिर का राजनीतिक फायदा उठाने के लिए बीजेपी और मोदी सरकार काम पूरा होने से पहले ही राम मंदिर का अनावरण करने की तैयारी कर रहे हैं। बीजेपी राम मंदिर का अनावरण करके देश में हिंदुत्व की लहर चलाना चाहती है।
जिस राम मंदिर आंदोलन की बदौलत बीजेपी 2 सीटों से सत्ता के शीर्ष तक पहुंची उसी मंदिर का अनावरण कर भाजपा 10 साल के कामकाज का हिसाब देने के बजाय 2024 चुनाव की वैतरणी पार करना चाहती है।
2024 में जब राम मंदिर के कपाट खुलेंगे तो केवल ग्राउंड फ्लोर बनकर तैयार हो चुका होगा। वहां रामलला की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी और जनवरी 2024 में जनता के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।
मंदिर ट्रस्ट जनता के लिए इसे खोलने से पहले पूरे मंदिर के तैयार होने का इंतजार नहीं करेगा। मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल का काम पूरा होने में एक और साल लग जाएगा। 71 एकड़ से ज्यादा का पूरा राम मंदिर परिसर साल 2025 तक बनकर तैयार होगा। बीजेपी चाहती है कि मंदिर अगले साल खुले ताकि चुनाव में भगवा पार्टी को इसका पूरा फायदा पहुंचे।
सूत्रों के मुताबिक मंदिर के उद्घाटन से पहले बीजेपी, आरएसएस, विहिप, बजरंग दल समेत इनके सभी घटक बड़े पैमाने पर एक प्रचार अभियान चलाएंगे। इस अभियान के तहत हिंदू भावनाओं को उभारा जाएगा।
भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि मंदिर के उद्घाटन से पहले 3 महीने लगातार अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर चुनावी वादे को पूरा नहीं कर रहा बल्कि उस विश्वास को पूरा कर रहा है, जो लाखों लोगों ने बीजेपी पर जताया था।
बीजेपी और संघ ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि 2024 में मंदिर का मुद्दा राजनीतिक परिदृश्य पर हावी हो और बाकी सब मुद्दे छोटे पड़ जाएं। 2024 की शुरुआत में मंदिर के साथ ही नई अयोध्या के दरवाज़े भी खुलेंगे।
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को उम्मीद है कि मंदिर खुलने पर एक लाख तीर्थयात्री रोज़ाना दर्शन के लिए आएंगे। इसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार अयोध्या को पवित्र शहर के तौर पर दिव्य रूप देने में जुटी है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि जब कोई राम मंदिर देखने के लिए अयोध्या आए तो हम चाहेंगे कि वे एक अत्याधुनिक शहर देखे। यूपी सरकार अयोध्या को वैश्विक पर्यटन और आध्यात्मिक केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए 32,000 करोड़ रुपये की मेगा योजना चला रही है। 37 एजेंसियां 264 परियोजनाओं के तहत इस काम में जुटीं हैं।
अयोध्या में हाईवे, सड़कों, बुनियादी ढांचे, टाउनशिप और एक नए एयरपोर्ट का एक बड़ा नेटवर्क बनाया जा रहा है। इनमें से 143 परियोजनाओं को 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। अयोध्या के लिए एक विजन 2047 तैयार किया गया है ताकि अयोध्या आने वाले तीर्थयात्रियों को विकास से प्रभावित किया जा सके।
जाहिर है कि भाजपा चाहती है कि लोग नई अयोध्या में भव्य राम मंदिर के दर्शन करें और इसका चुनावी फायदा बीजेपी को मिले।
भाजपा के शीर्ष नेताओं ने अभी से ये कहना शुरू कर दिया है कि किसी और के शासन में राम मंदिर नहीं बनता। राम मंदिर के राह में रोड़े लगाने के लिए कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी पार्टियों को निशाने पर लिया जाएगा।
बीजेपी ने 2019 लोकसभा चुनाव में जिस तरह से पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक फायदा उठाकर एक बड़ी जीत हासिल की, उसी तर्ज पर साल 2024 में राम मंदिर को एक बड़ा राजनीतिक ट्रंपकार्ड की तरह इस्तेमाल करने की तैयारी है। माना जा रहा है कि ये मुद्दा इतना नाज़ुक है जिस पर कोई भी विपक्षी पार्टी भाजपा पर पलटवार नहीं कर पाएगी।