Gujarat Elections: केजरीवाल के हिंदू कार्ड का जवाब, गुजरात में लागू होगा ये कोड !

Share

केजरीवाल बनाम मोदी
हिंदुत्व पर AAP VS BJP

गुजरात चुनाव में अरविंद केजरीवाल के हिंदू कार्ड का बीजेपी ने तोड़ निकाल लिया है। भाजपा ने केजरीवाल को समान नागरिक संहिता (UCC) के जरिए जवाब देने की तैयारी की है।

UCC के ज़रिए केजरीवाल के हिंदू कार्ड का जवाब

गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र भाजपा सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने का एलान किया है। गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने बयान दिया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। गुजरात कैबिनेट ने UCC पर एक कमेटी बनाने का फैसला किया है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल को कमेटी बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सूत्रों के मुताबिक एक रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की अगुवाई में कॉमन सिविल कोड (Common Civil Code) को लागू करने पर विचार करने वाली समिति गठित किए जाने की संभावना है। बताया गया है कि इस कमेटी में कम से कम 4 सदस्य होंगे।

आपको बता दें कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकारों ने भी समान नागरिक संहिता को लागू करने का फैसला किया है और इसका एलान किया है।

Kejriwal plays Hindu Card: गुजरात चुनाव में केजरीवाल ने खेला मोदी से भी बड़ा हिंदू कार्ड !

यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता (UCC) क्या है ?

यूनिफॉर्म सिविल कोड यानि समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत नागरिक कानून बनाने और लागू किए जाने का प्रस्ताव है जो देश के तमाम नागरिकों पर समान रूप में लागू होगा। इसे लागू करने में धर्म, क्षेत्र, भाषा और लिंग के फर्क की परवाह नहीं की जाएगी। इसके तहत धर्म के आधार पर बने सभी पर्सनल लॉ बोर्ड खत्म हो जाएंगे और सभी एक तरह के कानूनों का पालन करेंगे।

BJP क्यों UCC का समर्थन करती है और विपक्ष क्यों विरोध करता है ?

UCC को लागू करना भाजपा का अहम एजेंडा है और भाजपा नेता यूसीसी का समर्थन करते हैं और कहते हैं कि इससे देश में समानता आएगी। हालांकि अन्य विपक्षी पार्टियों का कहना है कि भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां तमाम धर्म, जाति, जनजाति, संस्कृति, रहन-सहन, रीति-रिवाज और भाषा की विभिन्नता है और संविधान में सभी लोगों की मान्यताओं को जगह और सम्मान देते हुए पर्सनल लॉ की व्यवस्था की गई है। यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोधियों का कहना है कि हिंदू धर्म में भी बहुत सी सांस्कृतिक विविधताएं हैं और एकरूपता नहीं है।

UCC पर मुस्लिम पक्ष की क्या राय है?

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने UCC को एक असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी कदम बताया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार, उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तर प्रदेश की BJP सरकारें महंगाई, गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उछालतीं हैं। आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 के घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता को लागू करने का वादा किया था।

5 भारतीय क्रिकेटर (Cricketers) जिन्होंने विदेशी हसीना (Foreigners) से शादी की, दूसरी तो अंग्रेज़ है!

UCC पर केंद्र की मोदी सरकार का क्या रुख है ?

हालांकि, केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) में कहा कि वो देश की संसद को यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर कोई भी कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकता है।

कानून मंत्रालय ने अपने एफिडेविट में कहा था कि ये नीति का मामला है और इस पर कोई भी फैसला जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों को लेना होगा। इस मामले में केंद्र सरकार कोई निर्देश जारी नहीं कर सकती है। कानून मंत्रालय ने उच्चतम अदालत से कहा कि ये विधायिका को तय करना है कि उसे इसपर कोई कानून बनाना है या नहीं।

ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए क्लिक करें |

फिल्म जगत की ख़बरें जानने के लिए क्लिक करें |

क्रिकेट से जुड़ी खबरें जानने के लिए क्लिक करें

शेयर मार्केट और बिजनेस जगत की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें |

अंतर्राष्ट्रीय जगत की ख़बरें जानने के लिए क्लिक करें


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *