जिनेवा | भारत ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के मंच का ‘दुर्भावनापूर्ण प्रचार’ करने के लिए दुरुपयोग करने पर लताड़ लगाई है। भारत ने UNHRC से आग्रह किया है कि वो पाकिस्तान से वहां प्रायोजित आतंकवाद और आतंकवादी ढांचे को खत्म करने की नसीहत दे।
जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन कुमार बधे ने पाकिस्तार की तरह से दिए गए तमाम बयानों को सिरे से खारिज किया और कहा कि ये आरोप हमारी प्रतिक्रिया के लायक नहीं हैं।
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भारत ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के बयान में भारत के लिए ‘गलत तथ्यों पर आधारित अनुचित संदर्भ’ को भी खारिज किया है।
पाकिस्तान के बयान पर उत्तर देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत ने कहा कि पाक का अपने लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा का बहुत खराब रिकॉर्ड रहा है। पाकिस्तान का 50 साल पहले पूर्वी पाकिस्तान और आज के बांग्लादेश में नरसंहार का शर्मनाक इतिहास सबको पता है और इसे दोहराने की ज़रूरत नहीं है।
बधे ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के लोगों के मानवाधिकारों का रक्षक बनने की जो कोशिश की है वो घटिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतिबंधित आतंकवादी आज़ादी से घूम रहे हैं।
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भारत का पक्ष रखते हुए बधे ने कहा कि अतीत में पाकिस्तान के बड़े नेताओं ने खुले तौर पर आतंकवादी संगठनों को बनाने और उन्हें अफगानिस्तान और जम्मू और कश्मीर में लड़ने के लिए ट्रेनिंग देने की बात स्वीकार की है। ऐसे में पाकिस्तान भारत के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करने का दुस्साहस कर रहा है।
बधे ने कहा कि पाकिस्तान भारत सहित पूरे क्षेत्र में मानवाधिकारों, मौलिक अधिकारों और जीवन के अधिकार का उल्लंघन करने और शांति को खतरे में डालने के लिए जिम्मेदार है। हम परिषद और उसकी तमाम एजेंसियों से आग्रह करते हैं कि वो पाकिस्तान से अपने यहां राज्य प्रायोजित आतंकवाद को समाप्त करने और आतंकवाद के ढांचे को खत्म करने के लिए विश्वसनीय कदम उठाने की नसीहत दे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अल्पसंख्यकों के धर्म या आस्था की स्वतंत्रता का अधिकार सुनिश्चित करने में सबसे खराब रिकॉर्ड रहा है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान को दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपना घर ठीक कर लेना चाहिए।
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