झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren Disqualification) की सत्ता डगमगाने लगी है. खनन पट्टे के आवंटन के मामले में चुनाव आयोग (Election commission) ने अपनी जांच रिपोर्ट राज्यपाल को भेज दी है. इसमें सीएम हेमंत को विधायकी के लिए अयोग्य ठहराया गया है. अब उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है. हेमंत को लेकर राज्यपाल को अंतिम फैसला लेना है. चुनाव
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेने की विधानसभा सदस्यता को लेकर एक दिन पहले राज्यपाल को अपना सुझाव भेजा था. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाने की बात कही गई है. लेकिन, निर्वाचन आयोग ने सीएम हेमंत सोरेन को विधायक पद के लिए अयोग्य ठहराया गया है. यानी हेमंत की विधायकी रद्द करने पर आखिरी मोहर राज्यपाल को लगानी है. ऐसे में उनकी पार्टी झामुमो को नया नेता सदन चुनना पड़ेगा.
JMM को चुनना पड़ सकता है नया नेता !
विधायकी रद्द होने के बावजूद भी सोरेन इस्तीफा देकर फिर चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में झामुमो को कम वक्त के लिए सीएम पद पर किसी और को बिठाना होगा। हेमंत सोरेन के चुनाव जीतने के बाद वो फिर से राज्य की बागडोर थाम सकते हैं।
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क्यों नहीं लगी सोरेन के चुनाव लड़ने पर रोक?
सूत्रों के मुताबिक किसी नेता के चुनाव लड़ने पर पाबंदी तभी लग सकती है, जब विधायक या सांसद के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हो जाएं और उसके खिलाफ सज़ा का एलान हो जाए. सोरेन के खिलाफ केस तो चल रहा है लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं. इसलिए आयोग ने हेमंत सोरेन को विधायकी के पद से अयोग्य घोषित कर दिया है लेकिन चुनाव लड़ने पर पाबंदी नहीं लगाई है.
राज्यपाल लेंगे अंतिम फैसला
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस अब हेमंत सोरेन को विधायक पद से हटाने पर फैसला ले सकते हैं. इधर हेमंत सोरेन ने रांची में मुख्यमंत्री आवास पर विधायक दल की बैठक ली.
जानिए क्या है ये पूरा मामला
असल में रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर खान लीज के मामले में बीजेपी ने लाभ के पद का हवाला देते हुए राज्यपाल से शिकायत की थी. इसी शिकायत पर राज्यपाल ने चुनाव आयोग से राय मांगी थी. 18 अगस्त को चुनाव आयोग ने सुनवाई पूरी की और 50 पन्ने की एक रिपोर्ट राज्यपाल को भेजी थी।
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