नीट (NEET) परीक्षा के नतीजों में मदरसों में पढ़े मुस्लिम छात्रों ने कामयाबी के झंडे गाड़ दिए हैं। MBBS की सीट और डिग्री हासिल करने के लिए करीब 1200 मुस्लिम छात्रों ने NEET की परीक्षा पास की है। उनमें से 500 से ज्यादा छात्र अल-अमीन मिशन की पश्चिम बंगाल में फैली 70 ब्रांच में पढ़े हैं, जबकि 250 से ज्यादा छात्र अजमल फाउंडेशन के कोचिंग इंस्टीट्यूट से हैं, साथ ही करीब 450 छात्र शाहीन ग्रुप के इंस्टीट्टूट में पढ़े हैं। इनमें से ज्यादातर छात्र गरीब परिवारों से आते हैं। बहुत से छात्र मदरसों में पढ़े हैं और कई छात्र तो हाफिज हैं ।
NEET में पास हुए बड़ी तादाद में मदरसा छात्र
पश्चिम बंगाल के मालदा के छात्र तौहीद मुर्शिद ने 690 अंकों के साथ 472 ऑल इंडिया रैंकिंग हासिल की है। इस साल करीब 1,800 छात्रों ने NEET की परीक्षा दी थी। अल-अमीन मिशन के मुताबिक कम से कम 500 से 550 छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने जा रहे हैं। NEET में पास होने वाले छात्रों में ज्यादातर गरीब जिलों से आते हैं। इनमें मुर्शिदाबाद से 139 और मालदा से 89 छात्र हैं। दक्षिण 24 परगना से 50, बीरभूम से 50, उत्तर 24 परगना से 33, बुडवान से 25, नदिया से 24, उत्तर दिनाजपुर से 16, दक्षिण दिनाजपुर से 15, हावड़ा से 13, हुगली से 12 छात्र आते हैं। जबकि बांकुरा से 11, पूर्वी मिदनापुर से 10, कूचबिहार से 8, पश्चिम मिदनापुर से 7, कोलकाता से 3 और पुरुलिया के 3 छात्र हैं।
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अल-अमीन मिशन ने गरीब मुस्लिम छात्रों की तैयारी में की मदद
अल-अमीन मिशन का गठन नुरुल इस्लाम नाम के शख्स ने किया है। ये मिशन पश्चिम बंगाल के 20 जिलों में 70 कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाता है। इस मिशन से करीब 3000 प्रोफेसर और गैर-शिक्षण कर्मचारी जुड़े हैं जो 17,000 आवासीय छात्रों को पढ़ाते हैं।
अल-अमीन मिशन का मेन कैंपस हावड़ा के खलतपुर उदयनारायणपुर में है। फिलहाल इस मिशन के तहत 6838 छात्रों को आधी (40 प्रतिशत) और 4257 छात्रों को (25 प्रतिशत) स्कॉलरशिप दी जा रही है। अल अमीन मिशन में NEET के ज्यादातर छात्र समाज के निचले हिस्से से आते हैं। नुरुल इस्लाम ने एक वेबसाइट को जानकारी देते हुए को बताया कि वो प्रतिभा को बढ़ावा दे रहे हैं।
शाहीन कॉलेज के हाफिज़ छात्रों की बड़ी कामयाबी
कर्नाटक के बीदर में शाहीन कॉलेज के करीब 10 से ज्यादा मदरसा पास-आउट हाफिज छात्रों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS सीटें हासिल करने की उम्मीद है। हाफिज के छात्रों ने शाहीन संस्थान का नाम रोशन किया है। ये छात्र कभी स्कूल नहीं गए और इन्होंने यहीं शिक्षा हासिल की है।
शाहीन संस्थान की एकेडमिक इंटेंसिव केयर यूनिट गरीब छात्रों को प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में मुफ्त सीटें हासिल करने में मदद कर रही है। इस संस्था ने हाफिज के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया। शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ अब्दुल कदीर ने बताया कि नीट में हर साल की तरह इस साल भी कॉलेज को सबसे अच्छा नतीजा रहा। करीब 450 छात्रों के MBBS में सरकारी सीटें मिलने की उम्मीद है।
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