आतंकवाद पर पाकिस्तान का कबूलनामा
पाकिस्तान के पेशावर में मस्जिद में हुए धमाके के बाद पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की ग़लती स्वीकार की है। आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने नेशनल असेंबली में कबूल किया है कि मुजाहिदीन को एक वैश्विक ताकत के साथ युद्ध के लिए तैयार करना एक बड़ी सामूहिक गलती थी।
सनाउल्लाह ने कहा है कि हमें मुजाहिदीन बनाने की जरूरत नहीं थी। हमने मुजाहिदीन बनाए और वे आतंकवादी बन गए। दूसरी तरफ रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि हमने आतंकवाद के बीज बोए थे।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी नेशनल असेंबली में कहा कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने को लेकर फैसला करेगी।
आंतरिक मंत्री सनाउल्लाह ने दावा किया कि इमरान खान सरकार ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) या पाकिस्तानी तालिबान के ऐसे आतंकवादियों को रिहा किया जिन्हें फांसी की सज़ा होनी थी।
सनाउल्लाह और ख्वाजा आसिफ के बयान पेशावर में 30 जनवरी को मस्जिद पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालीबान के लेने के बाद आए हैं। इस हमले में 100 लोग मारे गए और 220 से ज्यादा घायल हुए। आपको बता दें कि सोमवार को दोपहर करीब 1 बजे पेशावर में मस्जिद के सेंट्रल हॉल में एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था।
आपको बता दें कि पेशावर मस्जिद विस्फोट के बाद तहरीक-ए-तालीबान पाकिस्तान के एक ग्रुप ने हमले की जिम्मेदारी ली। पिछले साल नवंबर TTP और पाकिस्तान सरकार के बीच हुए शांति समझौते के खत्म होने के बाद से पाकिस्तान में आतंकी हमले बढ़ गए हैं।
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री सनाउल्लाह ने स्वीकार किया है कि तहरीक-ए-तालिबान-ए-पाकिस्तान अफगान-पाकिस्तानी सीमा पर सक्रिय तमाम इस्लामी सशस्त्र आतंकवादी समूहों का एक बड़ा संगठन है।
सनाउल्लाह ने ये बयान पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में आतंकवाद पर चर्चा के दौरान दिया जिसमें आतंकवादी को पूरी तरह खत्म करने के लिए बड़े सुधारों की मांग की गई।
मंत्री सनाउल्लाह ने कहा कि ये सोचना गलत है कि तहरीक-ए-तालीबान और अफगान तालिबान अलग है। उन्होंने कहा कि अफगान तालिबान को शह देने की वजह से पाकिस्तान में ऐसे हालात हुए हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने तालिबान को लेकर अपना नज़रिया बदल दिया है।
सनाउल्लाह ने कहा कि प्रतिबंधित टीटीपी आतंकवादियों को पड़ोसी देश अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकाना मिल गया है। उन्होंने अफगानिस्तान सरकार से बात कर आतंकियों को प्राश्रय देने से रोकने की बात कही।
इसके साथ ही रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी नेशनल असेंबली में कहा कि पाकिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था के लिए अफगान शरणार्थी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 1.5 साल में करीब 4.5 लाख अफगान वैध दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान में दाखिल हुए मगर वो वापस अफगानिस्तान नहीं लौटे।
उन्होंने कहा कि इनमें से कौन आतंकवादी है और कौन नहीं, कहा नहीं जा सकता है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं लंबी बात नहीं करूंगा लेकिन संक्षेप में कहूंगा कि शुरुआत में हमने आतंकवाद के बीज बोए थे। उन्होंने कहा कि जब रूस ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो पाकिस्तान ने अमेरिका को ‘किराए पर’ अपनी सेवाएं देने की पेशकश की।
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