Rs 500 Notes| एक तरफ जहां केंद्र की मोदी सरकार काले धन को पता लगाने के लिए कोशिशों में जुटी हुई है वही दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक RTI से खुलासा हुआ है कि देश के 88 हज़ार करोड़ रुपये गायब हो गए हैं।
RTI एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने सूचना के अधिकार कानून के तहत जो जानकारी हासिल की है उसने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। आरटीआई के मिली जानकारी के मुताबिक 3 टकसालों ने 500 रुपये के नए डिजाइन के 8,810.65 मिलियन नोट जारी किए थे, हालांकि आरबीआई को केवल 7,260 मिलियन नोट ही मिले हैं।
नहीं मिला 88032 करोड़ रुपये का कोई डाटा- रॉय
रॉय ने कहा कि 500 के 1,760.65 मिलियन नोट जिनकी कीमत 88,032.5 करोड़ रुपये है उनका कोई डेटा नहीं नहीं मिल रहा है। भारत में 3 टकसालों में करेंसी नोट छापे जाते हैं। बेंगलुरु में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड, नासिक में करेंसी नोट प्रेस और मध्य प्रदेश के देवास में बैंक नोट प्रेस में नोट छापे जाते हैं।
आरटीआई से खुलासा हुआ है कि नासिक टकसाल ने साल 2016-17 में 1,662.000 मिलियन नोट छापकर RBI को दिए जबकि बेंगलुरु टकसाल ने 5,195.65 मिलियन नोट छापे और देवास टकसाल ने आरबीआई को 1,953 मिलियन नोट आरबीआई को दिए। तीनों टकसालों ने कुल 8,810.65 मिलियन नोट छापे हालांकि आरबीआई को केवल 7260 मिलियन नोट ही मिले। अब सवाल ये पैदा होता है कि बाकी नोट कहां गए?
CEIB और ED को शिकायत की
आरटीआई से मिले आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2015-दिसंबर 2016 के बीच नासिक करेंसी नोट प्रेस ने नए डिजाइन के 500 रुपये के 375.450 मिलियन नोट छापे हालांकि, RBI के पास 345 मिलियन नोटों का रिकॉर्ड है। अप्रैल 2015-मार्च 2016 के दौरान गायब हुए 1760.65 मिलियन नोटों में से 210 मिलियन नोट नासिक टकसाल में छापे गए थे। रॉय ने इस गड़बड़ी की जांच के लिए सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो और ईडी को पत्र लिखा था।