Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot| सचिन पायलट ने क्यों कहा कि सोनिया गांधी नहीं, वसुंधरा राजे हैं गहलोत की नेता?

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Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot| राजस्थान विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले कांग्रेस में सियासी घमासान तेज़ हो गया है। सचिन पायलट ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से गहलोत ने अपनी सरकार बचाने के लिए वसुंधरा राजे की तारीफ की है, उससे लगता है कि सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे उनकी नेता हैं।

पायलट ने कहा कि विरोधाभास फैलाया जा रहा है कि बीजेपी सरकार गिराने की कोशिश कर रही थी और वसुंधरा राजे सरकार बचाने की कोशिश कर रहीं थीं। उन्होंने गहलोत पर अपनी सरकार, विधायकों और नेताओं को बदनाम करने और भाजपा के नेताओं का गुणगान करने का आरोप लगाया। पायलट ने गहलोत पर वसुंधरा राजे पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर कोई कार्रवाई नहीं करने का इल्ज़ाम लगाया। इसके बाद पायलट ने भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर 11 मई से अजमेर से जयपुर तक जनसंघर्ष यात्रा निकालने का एलान किया।

सचिन पायलट ने जनसंघर्ष पदयात्रा से पहले जयपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ 1 दिन का अनशन भी किया था। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि बताया था। पायलट ने एक बार फिर यात्रा का एलान करके बागी तेवर दिखाए हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की पड़ी फूट को सामने ला दिया है।

राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कांग्रेस और भाजपा को भाजपा ही हराती है। यानी जिस पार्टी में जितनी ज्यादा फूट होती है वो हार जाती है। एक तरफ पायलट कांग्रेस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं वहीं वसुंधरा राजे को सीएम पद का उम्मीदवार नहीं बनाने की वजह से भाजपा में भी रस्साकशी है।

माना जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान राजस्थान भाजपा को वसुंधरा की छत्रछाया से बाहर लाने की जुगत में है। गहलोत के वसुंधरा राजे की तारीफ वाले बयान को भी इसी नज़र से देखा जा सकता है।

असल में सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग कर सरकार गिराने का रिवाज नहीं है। वसुंधरा राजे इसी लाइन पर चली हैं।

साफ है कि गहलोत वसुंधरा राजे और राजस्थान भाजपा के बीच खींचतान को हवा देना चाहते थे लेकिन उनके इस बयान को पायलट ने लपक लिया और गहलोत पर वसुंधरा की तारीफ करने और भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगा दिया।

राजस्थान विधानसभा चुनाव में एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी के जीतने की परंपरा रही है। ऐसे में सीएम गहलोत पर आगामी चुनाव में 5 सालों में सरकार के किए गए कामों पर जनता की मोहर लगवाने का भारी दबाव है। ऐसे हालात में सचिन पायलट की पदयात्रा गहलोत और कांग्रेस को भारी पड़ सकती है।


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