Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot| राजस्थान विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले कांग्रेस में सियासी घमासान तेज़ हो गया है। सचिन पायलट ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से गहलोत ने अपनी सरकार बचाने के लिए वसुंधरा राजे की तारीफ की है, उससे लगता है कि सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे उनकी नेता हैं।
पायलट ने कहा कि विरोधाभास फैलाया जा रहा है कि बीजेपी सरकार गिराने की कोशिश कर रही थी और वसुंधरा राजे सरकार बचाने की कोशिश कर रहीं थीं। उन्होंने गहलोत पर अपनी सरकार, विधायकों और नेताओं को बदनाम करने और भाजपा के नेताओं का गुणगान करने का आरोप लगाया। पायलट ने गहलोत पर वसुंधरा राजे पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर कोई कार्रवाई नहीं करने का इल्ज़ाम लगाया। इसके बाद पायलट ने भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर 11 मई से अजमेर से जयपुर तक जनसंघर्ष यात्रा निकालने का एलान किया।
#WATCH | After listening to Ashok Gehlot's speech in Dholpur, it seems like his leader is not Sonia Gandhi but Vasundhara Raje Scindia: Congress MLA Sachin Pilot pic.twitter.com/Cs6KoMpsbh
— ANI (@ANI) May 9, 2023
सचिन पायलट ने जनसंघर्ष पदयात्रा से पहले जयपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ 1 दिन का अनशन भी किया था। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि बताया था। पायलट ने एक बार फिर यात्रा का एलान करके बागी तेवर दिखाए हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की पड़ी फूट को सामने ला दिया है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कांग्रेस और भाजपा को भाजपा ही हराती है। यानी जिस पार्टी में जितनी ज्यादा फूट होती है वो हार जाती है। एक तरफ पायलट कांग्रेस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं वहीं वसुंधरा राजे को सीएम पद का उम्मीदवार नहीं बनाने की वजह से भाजपा में भी रस्साकशी है।
माना जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान राजस्थान भाजपा को वसुंधरा की छत्रछाया से बाहर लाने की जुगत में है। गहलोत के वसुंधरा राजे की तारीफ वाले बयान को भी इसी नज़र से देखा जा सकता है।
असल में सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग कर सरकार गिराने का रिवाज नहीं है। वसुंधरा राजे इसी लाइन पर चली हैं।
Rajasthan CM Ashok Gehlot claimed that former CM Vasundhara Raje had helped save his government in 2020 by opposing the BJP’s attempts to bribe MLAs.
Gehlot accepts his nexus with Vasundhara Raje in Rajasthan. pic.twitter.com/7LTaDjrvtL
— Vikash Kedia (@VickyKedia) May 8, 2023
साफ है कि गहलोत वसुंधरा राजे और राजस्थान भाजपा के बीच खींचतान को हवा देना चाहते थे लेकिन उनके इस बयान को पायलट ने लपक लिया और गहलोत पर वसुंधरा की तारीफ करने और भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगा दिया।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी के जीतने की परंपरा रही है। ऐसे में सीएम गहलोत पर आगामी चुनाव में 5 सालों में सरकार के किए गए कामों पर जनता की मोहर लगवाने का भारी दबाव है। ऐसे हालात में सचिन पायलट की पदयात्रा गहलोत और कांग्रेस को भारी पड़ सकती है।