Jigar Muradabadi ki Ghazal: आदमी आदमी से मिलता है- जिगर मुरादाबादी

जिगर मुरादाबादी की ग़ज़ल | Jigar Muradabadi ki Ghazal  आदमी आदमी से मिलता है, दिल मगर…

Bashir Badr ki Shayari: आंखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा, कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा- बशीर बद्र

 आंखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा,  कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा,…