सुभाष चंद्रा के टीवी चैनल Zee Media ने रजत शर्मा और उनके न्यूज़ चैनल India TV के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में केस कर दिया है। ज़ी मीडिया ने 25-26 जून 2022 को प्रसारित हुए बालासाहेब ठाकरे के साथ रजत शर्मा के 1993 के एक इंटरव्यू पर अपना कॉपी राइट जताते हुए ये केस किया है।
इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान इंडिया टीवी और उसके मालिक रजत शर्मा ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि उन्होंने शिवसेना के पूर्व प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के साथ 1993 में ‘आप की अदालत’ कार्यक्रम में हुए इंटरव्यू को सभी प्लेटफार्मों से हटा दिया है।
Zee Media ने क्यों किया India TV के रजत शर्मा पर केस ?
असल में इंडिया टीवी ने 25 और 26 जून को महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान बालासाहेब ठाकरे के साथ 1993 में ‘आप की अदालत’ में हुए इंटरव्यू को प्रसारित किया था। रजत शर्मा ने ये इंटरव्यू 1993 में ज़ी टीवी के लिए किया था और इस पर ज़ी टीवी का कॉपी राइट है।
रजत शर्मा और सुभाष चंद्रा के वकीलों ने ये तर्क दिए
मामले की सुनवाई के दौरान रजत शर्मा और India TV ने जज ज्योति सिंह को भरोसा दिलाया कि वो आगे भविष्य में कथित इंटरव्यू को टेलीकास्ट नहीं करेंगे।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान Zee media ने तर्क दिया कि 25-26 जून को महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान, इंडिया टीवी ने ठाकरे के साथ 1993 में ‘आप की अदालत’ का एक एपिसोड प्रसारित किया था, जिसे मूल रूप से Zee TV ने रिकॉर्ड और प्रसारित किया गया था।
सुनवाई के दौरान जस्टिस ज्योति सिंह ने कहा की शर्मा और इंडिया टीवी ने (महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के दौरान) इस इंटरव्यू को प्रसारित करने के लिए सही समय चुना।
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जस्टिस सिंह ने कहा कि आपने अच्छा समय चुना। हम सभी जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ? हम समय और ट्रिगर को समझते हैं। हम सभी इसे समझते हैं ।
रजत शर्मा की ओर से पेश हुए वकील संदीप सेठी ने कोर्ट को बताया कि इस इंटरव्यू को हटा दिया गया है और इसे फिर इस्तेमाल करने का इरादा नहीं है।
वकील सेठी ने कहा कि जब ये इंटरव्यू किया गया तब शर्मा ज़ी के कर्मचारी थे। बाद में जब उन्होंने अपना चैनल शुरू किया था, तो एक सौदा किया गया कि वो ‘आप की अदालत’ नाम और कार्यक्रम के प्रारूप के हकदार होंगे।
इस पर ज़ी ने तर्क दिया कि 1992-1997 के बीच शो के 140 से ज्यादा एपिसोड का कॉपीराइट उनके पास है। इसलिए इंडिया टीवी पर इन सभी एपिसोज के प्रसारण और प्रकाशन पर रोक लगनी चाहिए।
इस मामले में अब अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।
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